Saturday, 10 September 2016

SBI ATM/Debit Card Online Apply Kaise Kare?

Ab aap Ghar baithe SBI ATM/Debit card online Apply kar sakte hai aur use Activate bhi kara sakte hain, aapko iske liye State Bank branch me jaane ki jarurat nahi hai.
Aap Online Apply karke SBI ka koi bhi Debit card (Silver, Gold, Platinum etc) apne Ghar manga sakte hain.
Aaj main aapko iske bare me batane ja raha hu.
Dusre Banks ki tarah State Bank of India apni jyada se jyada facility ko online pahuchane ki kosis kar raha hai. Lagbhag tamaam SBI ki Products aap online use kar sakte hain. ATM/Debit se related saare kaam aap online kar sakte hain.
1 Month pahle jab Online ATM/Debit card apply karne ki suvidha nahi thi tab maine Global Debit card ke liye Branch me Apply kiya tha, aap yakeen nahin karenge mujhe 2 baar bank ke chakkar lagane pade aur 4 hours waste karne pade, Token ki Problem ke karan.
Magar ab aapko aisi Problem nahi face karni padegi, aap Online sab kuch kar sakte hain.

SBI ATM/Debit card Online Apply kaise kare?

Dosto online ATM/Debit Card Apply karne ke liye aapki netbanking enable honi chahiye. Agar aapki Netbanking enable nahi hai to koi problem nahi hai, sirf 10-minutes me wo bhi internet par ATM card se activate kar sakte hain.
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Online SBI ATM/Debit Card Apply karne ke liye aapko sabse pahle onlinesbi.com par jaakar apne Account me log-in karna hai.
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online sbi account me Login karne ke baad:
  • e-Services option par click karna hai
  • Ab aapko left-side ATM Card Services par click karna hai.
  • ATM Card Services ke andar Request ATM/Debit Card par Click Kare.

Next screen me Account Validate karne ke liye “OTP” ya “Profile Password” ke jariye Account validate kare. OTP se validate karna hai to OTP aapke Mobile number par aayega.
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Ab agli Screen me aapko apna (see below)
  • Account Number Select karna hai
  • Name on Card me apna Name Enter kare, yahi Name aapke ATM/Debit card par Print hoga.
  • Select Card of Type me apna card Select kare, jisme aap kayi tarah ke Cards Choose kar sakte hain.
  • Ab I Accept terms par tick karke Submit par click kare.

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Next screen me aapko bus saari Details Check karke “Submit” par Click karna hai. Congratulations aapne ATM/Debit card ke liye Successfully Apply kar diya hai.
Apply karne ke baad 15-20 din ke andar aapka card aapke ghar par mil jaayega. Ab use aapko Activate karna hai. Activate karne ke liye aapko Branch jaane ki jarurat nahi hai. Yah kaam bhi Onlinesbi par hi aap kar sakte hain.
Main aapko recommend karunga ki Branch me jakar card activate kare, agar aapko activation me problem ho rahi hai.

ATM/Debit Card Online Activate Kaise Kare?

Apne Card ko online Activate karna bahut easy hai.
  • Apne Onlinesbi Account par Log-in kare. Aur e-Services par Click kare.
  • e-services me Left side me ATM Card Services par click kare.
  • Ab New Card Activation par Click kare.
Ab Next aapko Account Number select karke “ATM card Number” Enter kar Activate par Click kare.
Bus aapka card Activate ho chuka hai.







Friday, 9 September 2016

बैंकों तथा बीमा कंपनियों के टोल फ्री नंबर Toll Free



Numbers Of Banks And Insurance Companies


बैंकों तथा बीमा कंपनियों के टोल फ्री नंबर Toll free Numbers of Banks and Insurance Companies. आपकी जानकारी के लिये आज प्रस्तुत है भारत के कुछ बैंकों, बीमा कंपनियों तथा  वित्तिय कंपनियों से संपर्क करने के लिये  इनके टोल फ्री नंबर। Toll free Numbers of Banks, Insurance Companies and Mutual Funds/ Finance Companies. अक्सर ऐसे जरूरी फोन हमें कई बार खोजने से भी नहीं मिलते हैं. यहाँ हम सारे टोल फ्री नंबर एक साथ प्रस्तुत कर रहे हैं. आप चाहें तो इस पेज को बुकमार्क भी कर सकते हैं.
Insurance
ए एम् पी सन्मार AMP Sanmar – 1800 44 2200
अविवा Aviva – 1800 33 2244
बजाज आलियांज Bajaj Allianz – 1800 22 5858
चोला मंडलम Chola MS General Insurance – 1800 44 5544
HDFC  स्टैण्डर्ड लाइफ HDFC Standard Life – 1800 227 227
भारतीय जीवन बीमा निगम LIC – 1800 33 4433
मैक्स न्यूयार्क लाइफ Max New York Life – 1800 33 5577
रॉयल सुन्दरम Royal Sundaram – 1800 33 8899
SBI  लाइफ इन्शुरन्स SBI Life Insurance – 1800 22 9090
Banks
ABN  अम्रो ABN AMRO – 1800 11 2224
कैनरा बैंक Canara Bank – 1800 44 6000
सिटी बैंक Citibank – 1800 44 2265
कारपोरेशन बैंक Corporatin Bank – 1800 443 555
डेवलपमेंट क्रेडिट बैंक Development Credit Bank – 1800 22 5769
HDFC  बैंक HDFC Bank – 1800 227 227
ICICI  बैंक ICICI Bank – 1800 333 499
ICICI Bank NRI – 1800 22 4848
IDBI  बैंक IDBI Bank – 1800 11 6999
इंडियन बैंक Indian Bank – 1800 425 1400
ING  वैश्य ING Vysya – 1800 44 9900
कोटक महिंद्रा बैंक Kotak Mahindra Bank – 1800 22 6022
लार्ड कृष्णा बैंक Lord Krishna Bank – 1800 11 2300
पंजाब नेशनल बैंक Punjab National Bank – 1800 122 222
भारतीय स्टेट बैंक State Bank of India – 1800 44 1955
सिंडिकेट बैंक Syndicate Bank – 1800 44 6655
Investments/Finance
CAMS – 1800 44 2267
चोला म्यूच्यूअल फण्ड Chola Mutual Fund – 1800 22 2300
Easy IPO’s – 3030 5757
फिडेलिटी इन्वेस्टमेंट्स Fidelity Investments – 1800 180 8000
Franklin Templeton Fund – 1800 425 4255
JM मॉर्गन स्टैनले JM Morgan Stanley – 1800 22 0004
कोटक म्यूच्यूअल फण्ड Kotak Mutual Fund – 1800 222 626
LIC  हाउसिंग फाइनेंस LIC Housing Finance – 1800 44 0005
SBI म्यूच्यूअल फण्ड SBI Mutual Fund – 1800 22 3040
शेयरखान Sharekhan – 1800 22 7500
टाटा म्यूच्यूअल फण्ड Tata Mutual Fund – 1800 22 0101





जीवन बीमा कैसे खरीदें How To Buy Life Insurance

जीवन बीमा कैसे खरीदें How to Buy Life insurance? अक्सर लोगों को यह पता नहीं होता कि जीवन बीमा कैसे खरीदें How to Buy Life insurance? क्या मुझे जीवन बीमा लेना चाहिये Do I need Life Insurance? और यदि लेना चाहिए तो कौन सा बीमा लेना चाहिए और कितना बीमा लेना चाहिए? बीमा लेने से पहले इस सब सवालों पर गहराई से विचार होना चाहिए कि मुझे जीवन बीमा लेना चाहिए या नहीं? यदि लेना चाहिए तो कितना जीवन बीमा लेना चाहिए यानी लाइफ कवर कितना होना चाहिए? कैसा प्लान लेना चाहिए? किस कंपनी का जीवन बीमा लेना चाहिए? जीवन बीमा किस से लेना चाहिए? बीमा लेने से पहले किन किन पहलुओं की जांच करनी चाहिए?

अक्सर लोग जीवन बीमा दो वजह से लेते हैं. पहली वजह यह है कि जब उनका कोई पडोसी, रिश्तेदार, ऑफिस का सहयोगी या एनी कोई जान पहचान का व्यक्ति जीवन बीमा की एजेंसी ले लेता है तो उसे मना नहीं कर सकते इसलिए जीवन बीमा ले लेते हैं. दूसरी वजह ऑफिस में जब सैलरी में से टीडीएस कटने लगता है तो आनन फानन में जीवन बीमा खरीद लिया जाता है. जीवन बीमा खरीदने के यह दोनों कारण या तरीके गलत हैं. तो क्या करना चाहिए? जीवन बीमा से जुड़े आपके इन सवालों का हम यहाँ जवाब देने की कोशिश करते हैं.
क्या मुझे जीवन बीमा लेना चाहिये Do I need Life Insurance? जीवन की भाग दौड़ में जब हम अपने सपनों को पूरा करने के लिए व्यस्त हैं तो एक ज़रा सी दुर्घटना हमारे परिवार के सपनों पर पानी फेर सकती है. ऐसे में जीवन बीमा ही उन सपनों को पूरा करने में काम आता है. मगर उस समय जब हम रिटायर्ड हो जाते हैं, परिवार की जिम्मेदारियां समाप्त हो जातीं है, सभी परिवार के सदस्य स्वतंत्र रूप से कमाने लगते हैं उस समय हो सकता है की हमें जीवन बीमा की उतनी आवश्यकता ना हो.
कौन सा बीमा लेना चाहिए? टर्म, मनीबेक, एंडोमेंट या यूलिप? इन सब के बारे में विस्तार से समझ कर ही अपनी आवश्यकता के अनुसार चुनाव करें. अलग अलग प्रकार के जीवन बीमा प्लान्स के बारे में जानने के लिए आप मेरा यह लेख पढ़ सकते हैं:

जीवन बीमा के प्रकार Types Of Life Insurance In Hindi

जीवन बीमा के प्रकार Types of life insurance in Hindi. जीवन बीमा के प्रकार कुछ तो बुनियादी हैं जिनके बारे में आज हम चर्चा कर रहे हैं, मगर जीवन बीमा कंपनियां अपनी कुछ बीमा पॉलिसियों में अलग फीचर मिला कर उन्हें अलग और अनूठा बनाने की कोशिश करती हैं. वास्तविक जानकारी के लिए आप अपने बीमा एजेंट से मिलें.
मुख्या रूप से जीवन बीमा के प्रकार हैं:

• टर्म इन्शोरंस Term Insurance
• एंडोमेंट प्लान Endowment Plan
• यूलिप ULIP Unit Linked Insurance Plans
• मनी बैक पालिसी Money Back Policy
Types of life insurance in Hindi जीवन बीमा के प्रकार
टर्म इन्शोरंस Term Insurance : टर्म इन्शोरंस बेसिक और दूसरे जीवन बीमा प्लान्स के मुकाबले सस्ता इन्शोरंस होता है जिसमें केवल जीवन बीमा कवर दिया जाता है और इसमें दिए गए प्रीमियम या प्रीमियम का कोई भाग निवेश नहीं किया जाता. टर्म इन्शोरंस में एक निश्चित बीमा राशी (the sum assured) बीमा धारक की मृत्यु होने की दशा में लाभार्थी को दी जाती है और पालिसी की अवधी पूरी होने पर पालिसी होल्डर के जीवित होने की दिशा में कुछ भी भुगतान नहीं किया जाता है.
एंडोमेंट प्लान Endowment Plan : टर्म प्लान और एंडोमेंट प्लान में सब से बड़ा फर्क होता है मैच्योरिटी बेनिफिट. अर्थात पालिसी की अवधि समाप्त होने पर जब पालिसी मैच्योर होती है तो बीमा धारक को बीमा राशि के साथ बोनस जोड़ कर दिया जाता है. बोनस पालिसी अवधि में हर साल घोषित किया जाता है यदि स्कीम को लाभ प्राप्त होता है तो. आपके द्वारा दिए गए प्रीमियम में से बाकी खर्चे काट कर शेष राशि को निवेश किया जाता है. उसी से प्रॉफिट होने पर बोनस की घोषणा की जाती है. टर्म प्लान की तुलना में एंडोमेंट प्लान का प्रीमियम ज्यादा होता है.
यूलिप ULIP Unit Linked Insurance Plans : यूलिप ULIP बीमा और निवेश दोनों की जरूरतों को पूरा करता है. यूलिप ULIP में आपके द्वारा दिए गए प्रीमियम से बीमा और प्रबंधन के खर्चे और चार्ज काट कर बाकी पैसे निवेश किये जाते हैं. निवेश कैसे फण्ड में कितना करना है यह आप निर्धारित करते हैं.
आप डेब्ट या इक्विटी फण्ड में, अथवा अपने रिस्क को देखते हुए दोनों में मिला जुला निवेश कर सकते है. म्यूच्यूअल फण्ड की तरह यूलिप ULIP में निवेश यूनिट के NAV पर आधारित होता है. आप पालिसी अवधि के दौरान अपने निवेश को उसके प्रदर्शन के अनुसार जांच कर दुसरे फण्ड में ट्रान्सफर भी कर सकते हैं.
मनी बैक पालिसी Money Back Policy : मनी बैक पालिसी Money Back Policy वास्तव में एंडोमेंट प्लान Endowment Plan का ही एक प्रकार है जिसमें बीमा राशि का एक निश्चित हिस्सा बीमा अवधि के दौरान एक निश्चित अवधि के अंतराल में बीमा धारक को अदा किया जाता है. अवधि के अंत में शेष बची बीमा राशि बोनस के साथ अदा कर दी जाते है.
यह थे Types of life insurance in Hindi जीवन बीमा के प्रकार. यहाँ मैंने साधारण हिंदी में इसे बताने की कोशिश की है.
जीवन बीमा किस से लेना चाहिए? यूं तो अधिकतर जीवन बीमा कम्पनियां आपको टर्म प्लान ऑनलाइन खरीदने की सुविधा देतीं हैं. एक प्रोफेशनल बीमा एजेंट आपको बेहतर सेवायें दे सकता है. अपना बीमा एजेंट कैसे चुनें इसके लिए आप मेरा यह लेख पढ़ सकते हैं:

Insurance Agent कैसा हो आपका बीमा एजेंट

Selecting Good Insurance Agent कैसा हो आपका बीमा एजेंट पिछली बार जब मैंने एक लेख लिख कर LIC के कुछ एजेंटों Agents द्वारा की जा रही बदमाशी के बारे में चेताया था तो वादा किया था कि आपको बताऊंगा कि किस तरह से अपना बीमा एजेंट Insurance Agent चुनें। आज आपको इसी के बारे में बताता हूं। ग्राहक और बीमा एजेंट का सम्बन्ध लम्बे समय तक चलता है. इसकी शुरुआत आपसी विश्वास से होनी चाहिए. किसी भी नये बीमा एजेंट के साथ कोई निवेश करने से पहले उसके बारे में निम्न बातों का पता लगायें :
1. क्या आप पड़ोस में रहते हैं? : यदि आपका एजेंट आपके क्षेत्र में ही कही रहता है तो आपको उस तक पहुंचने में आसानी होगी। एक बार उसके यहां जरूर हो कर आयें। आपको उसके बारे में सूचना प्राप्त करना आसान हो जायेगा। मगर उस ध्यान रखें कि आपको जरूरत होने पर ही प्लान लें, केवल पड़ोसी को खुश करने या पड़ोसी धर्म निभाने के लिये नहीं।
2. क्या वास्तव में आप यही काम करते हैं? : हैरान न हों। आप यह सवाल जरूर करें। अधिकतर बीमा एजेंट Insurance Agent मुख्य रूप से कोई और काम करते हैं। यह उनका पार्ट टाईम जॉब ही होता है। थोड़ा सा अतिरिक्त पैसा कमाने के लिये। याद रखें, जिस काम से उसके घर की रोटी नहीं चलती वह उसे पूरे प्रोफेशनल तरीके से नहीं कर पायेगा। उतना समय भी नहीं दे पायेगा। फुलटाईम प्रोफेशनल एजेंट से ही हमेशा डील करें।
3. कितने साल का अनुभव है?: इस काम में लोग ज्यादा देर तक नहीं टिकते। एकदम नये एजेंट जो एक साल से भी कम समय से इस प्रोफेशन में आये हों से बचें। आप उनसे उनके ग्राहकों के बारे में जानें तथा यह भी पता लगायें कि उसने कितने नये ग्राहक पिछले एक साल में बनाये। यदि वह काफी लम्बी अवधी से लगातार अच्छा काम कर रहा है तो वह इस व्यवसाय में लम्बे समय तक टिकेगा। याद रखें कि बी्मा प्लान की अवधी हमेशा बहुत लम्बी होती है। आपका एजेंट लम्बी अवधी का खिलाड़ी होना चाहिये।
4. आपके पास अपना ऑफिस है? : यदि उसके पास अपना ऑफिस तथा संपर्क के लिये लैंडलाइन नंबर है तो यह बेहतर है। हो सके तो एक बार उसके ऑफिस भी हो आयें।
5. आप किस ब्रांच के लिये काम करते हैं? : हो सके तो उसकी ब्रांच में होकर आयें तथा उसके सेल्स ऑफिसर/ डेवलपमेंट ऑफिसर से मिल कर आयें। पता करें कि कोई समस्या आने पर शिकायत कहां की जा सकती है।
6. आपने यही प्लान मेरे लिये क्यों चुना?: यह जानना बहुत जरूरी है। इस सवाल के जवाब से आप को अंदाजा हो जायेगा कि एजेंट कितना प्रोफेशनल है। ध्यान दें कि वह बीमा आपकी जरूरत के हिसाब से आपको दे रहा है या अपना कमीशन बनाने के लिये। यदि एक एजेंट एक ही योजना बता कर कहता है कि यह बहुत अच्छा प्लान है ले लीजिये तो इससे बचें। वहीं यदि एजेंट पहले आपके परिवार के बारे में सारी जानकारी लेकर आपकी आयू, आपकी भविष्य की जरूरतों तथा जिम्मेदरियों के अनुसार ही कोई प्लान का सुझाव देता है तो यह ज्यादा प्रोफेशनल रवैया होगा।
7. आपको इसमें कितना कमीशन मिलेगा? : पूछने से हिचकायें नहीं। हो सकता है कि वह छिपा जाये। यह भी हो सकता है कि फट से जवाब दे दे। इससे आपको अंदाज हो जायेगा कि वह केवल अपनी कमाई के लिये ही तो कोई प्लान आपके मत्थे नहीं मढ़ रहा।
8. प्लान का ब्रोशर कहां हैं?: “जी आज ही खत्म हो गया।” हो सकता है आपको यही जवाब मिले। ब्रोशर पूरी तरह पढ़े और समझे बिना कभी कोई प्लान न लें। यदि एजेंट आपको ब्रोशर नहीं देता तो हो सकता है वह उसमें आपसे कुछ छिपा रहा है। कंपनी की साईट पर जा कर प्लान के बारे में जानकारी हासिल करें।
अपना Insurance Agent कैसा हो अब आपको कुछ जानकारी मिल गयी होगी.
लाइफ कवर कितना होना चाहिए? : लाइफ कवर कितना होना चाहिए यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपकी आय कितनी है, आपकी देनदारियां कितनी हैं और कितने परिवार के लोग आपकी आय पर निर्भर हैं. विशेषज्ञों की मानें तो आपकी सालाना आय का दस से पंद्रह गुना राशि का जीवन बीम कवर लेना चाहिए.
वैसे जीवन बीमा लेने से पहले हम कभी यह नहीं सोचते कि जीवन बीमा कैसे खरीदें How to Buy Life insurance? मगर यदि ऊपर लिखे पहलुओं की तरफ ध्यान देंगे तो बहुत सी समस्याओं से बच जायेंगे.


Share Market In Hindi आईये जानें शेयर बाजार को

Share Market in Hindi शेयर बाजार  या शेयर मार्किट में पैसा बनाना बहुत आसान है उसी प्रकार शेयर बाजार में पैसा खोना भी बहुत आसान है। इससे बचा जा सकता है अगर आप स्वंय शेयर बाजार के बारे में अधिक से अधिक जानकारी एकत्र करें,शोध करें और दूसरों के दिये टिप्स पर न जायें। शेयर बाजार एक खतरनाक खेल है, इसमें कूदने से पहले इसके बारे में अधिक से अधिक जानकारी ले लेना बहुत आवश्यक है। मगर इसका मतलब यह बिलकुल नहीं है कि शेयर मार्किट में निवेश करने के लिए कोई अलग तरह की प्रतिभा या योग्यता ही चाहिए. कोई भी कोशिश करके शेयर बाजार की जानकारी ले सकता है.

आसान हिंदी में शेयर मार्किट की जानकारी मिलना कठिन होता है. शेयर मार्किट की जानकारी केवल कुछ लोगों तक ही सिमित क्यों रहे?  यहां आपको कोई विशेष शेयरों के बारे में मैं टिप्स नहीं देने वाला हूं मगर आपको शेयर बाजार के तकनीकी पहलुओं से हिंदी में अवगत करने की कोशिश करुंगा।
शेयर बाजार के अलावा मैं आपको यहाँ हिंदी में बताऊंगा बीमानिवेश और म्यूच्यूअल फण्ड के बारे में भी. इसके आलावा जानिये टैक्स बचाने के तरीके. साथ ही पैसा बचाने के तरीके और फाइनेंस जगत की तमाम छोटी बड़ी जानकारियाँ हिंदी में.
यह ब्लाग होगा डम्मीस के लिये। यहां जानिये कैसे आप इन्फोसिस, रिलायन्स या एयरटेल में हिस्सेदार बन सकते हैं। क्या होते हैं राईट और बोनस शेयर। कैसे पढ़ें कंपनियों के तिमाही, छमाही और वार्षिक नतीजे। क्या होता है EPS और क्या होता है PE रेश्यो  और इसका शेयर की कीमत पर क्या असर होता है।
साथ ही जानिये कि किस तरह निवेश को डाइवर्सिफाई करके निवेश के रिस्क को कम किया जा सकता है. निवेश के लिए कंपनी कैसे चुन सकते हैं. किस तरीके से निवेश को डाइवर्सिफाई कर सकते हैं. लार्ज कैप, मिड कैप और स्माल कैप कम्पनियों में निवेश का क्या नजरिया होना चाहिए. हेजिंग क्या है और इससे शेयर बाजार में निवेश के रिस्क को कैसे कम किया जाता है. फ्यूचर और ऑप्शन्स क्या हैं यह भी समझने की कोशिश करेंगे.
शेयरों की फेस वैल्यू और बुक वैल्यू में क्या फर्क है? शेयर कैसे खरीदे जाते हैं? म्यूचुअल फंड कितने प्रकार के होते हैं. ETF क्या होता है? NAV क्या होता है और इसकी गणना कैसे करते हैं? सेंसेक्स और निफ्टी क्या होते हैं और इनकी गणना कैसी की जाती है.  इसी प्रकार के अनगिनत तकनीकि पहलुओं की जानकारी लीजिये यहां।
तो पढ़िए Share Market in Hindi और तैयार हो जाइये अमीर बनने के लिये……….।

शेयर बाजार क्या है और कैसे काम करता है

शेयर बाजार क्या है और शेयर बाजार कैसे काम करता है, शेयर कैसे खरीदें  हिंदी में विस्तार से जानिए आसान भाषा में शेयर मार्किट गाईड.
जब भी हम किसी बाज़ार की कल्पना करते है तो हमारे दिमाग में किसी ऐसी जगह की इमेज बनती है
जहाँ बहुत-सी दुकानें होंगी या कोई मॉल जहां जाकर आप खरीदारी कर सकते हैं मगर शेयर बाजार ऐसा
बाजार नहीं है. शेयर बाजार में खरीदने और बेचने का काम पूरी तरह से कंप्यूटर द्वारा ऑटोमेटिक तरीके से होता है. कोई भी शेयर खरीदने या बेचने वाला अपने ब्रोकर के द्वारा एक्सचेंज  पर अपना आर्डर  देता है

और पलक झपकते ही पेंडिंग आर्डरों के अनुसार ऑटोमेटिकली सौदे का मिलान हो जाता है.

शेयर बाजार में काम के घंटों में ब्रोकर अपने ग्राहकों के लिए उनके द्वारा दिए गए आर्डर टर्मिनल में
डाल देते हैं.  इसके बदले में ब्रोकर को ब्रोकरेज या दलाली मिलती है.
हम कह सकते हैं कि मुख्यतः  शेयर बाजार की तीन कड़ियाँ हैं स्टॉक एक्सचेंज, ब्रोकर और निवेशक.
ब्रोकर स्टॉक एक्सचेंज के सदस्य होते है और केवल वे ही उस स्टॉक एक्सचेंज में ट्रेडिंग कर सकते हैं. ग्राहक सीधे जाकर शेयर खरीद या बेच नहीं सकते उन्हें केवल ब्रोकर के जरिए ही जाना पड़ता है.
देश में मुख्यतः  BSE यानी मुंबई स्टॉक एक्सचेंज और NSE यानी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज हैं जिन पर
शेयरों का कारोबार होता है. अधिकतर कंपनियां जिनके शेयर मार्केट में ट्रेड होते हैं इन दोनों स्टॉक

एक्सचेंज पर लिस्टेड है मगर यह भी हो सकता है की कोई कंपनी इन दोनों में से किसी एक ही एक्सचेंज पर लिस्टेड हों.
देश के मुख्यता सभी बड़े बैंक या उनकी सबसिडी कंपनियां और अन्य बड़ी वित्तीय कंपनियां इन एक्सचेंजों में ब्रोकर के तौर पर काम करती हैं.
ग्राहक इन ब्रोकर कम्पनियों के पास जाकर अपने डीमैट अकाउंट की जानकारी देकर अपना खाता
ब्रोकर के पास खुलवा सकता है.  इस प्रकार ग्राहक का डीमैट एकाउंट ब्रोकर के अकाउंट से जुड़ जाता है
और खरीदी अथवा बेची गई शेयर्स ग्राहक के डीमैट अकाउंट से ट्रांसफर हो जाती हैं.  इसी प्रकार ग्राहक
अपना बैंक खाता भी ब्रोकर के खाते के साथ जोड़ सकता है जिससे खरीदे अथवा बेचे गए शेयरों की
धनराशि ग्राहक के खाते में ट्रांसफर की जाती है. ग्राहक द्वारा खरीदे गए शेयर इलेक्ट्रॉनिक रूप में उसके

डीमैट एकाउंट में पड़े रहते हैं जब भी कोई कंपनी डिविडेंड की घोषणा करती है तो डीमैट अकाउंट से जुड़े
बैंक खाते में डिविडेंड की राशि पहुंच जाती है. इसी प्रकार यदि कंपनी बोनस शेयरों की घोषणा करती है तो बोनस शेयर भी शेयरहोल्डर के डीमैट अकाउंट में पहुंच जाते हैं. ग्राहक जब शेयर बेचता है तो उसी डीमैट अकाउंट से वह शेयर ट्रान्सफर हो जाता है.
शेयरों में कारोबार करने के लिए एक निवेशक के पास डीमैट अकाउंट, ब्रोकर के पास ट्रेडिंग अकाउंट और
उससे जुडा एक बैंक खाता होना जरूरी है. कई बैंक इसके लिए थ्री इन वन खाता खोलने की सुविधा भी देते हैं.
अधिकतर ब्रोकर हाउस आपको ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग की सुविधा भी प्रदान करते हैं इसके अलावा आप फोन करके भी अपने ऑर्डर दे सकते है.
यदि आप भी शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं तो शेयर बाजार क्या है और शेयर बाजार कैसे काम करता है यह आपके लिए   समझना बहुत आवश्यक है.