न जाने सालो बाद कैसा समां होगा,
हम सब दोस्तों में से कौन कहा होगा,
फिर अगर मिलना होगा तो मिलेंगे ख्वाबों मे,
जैसे सूखे गुलाब मिलते है किताबों मैं.
खुश नसीब होते हैं बादल,
जो दूर रहकर भी ज़मीन पर बरसते हैं,
और एक बदनसीब हम हैं,
जो एक ही दुनिया में रहकर भी.. मिलने को तरसते हैं.
हमसे पूछो क्या होता है पल पल बिताना,
बहुत मुश्किल होता है दिल को समजना,
यार ज़िन्दगी तो बीत जायेगी,
बस मुश्किल होता है कुछ लोगो को भूल पाना.
यूँ पलके बिछा कर तेरा इंतज़ार करते है,
यह वो गुनाह है जो हम बार बार करते है,
जला कर हसरत की राह पर चिराग,
हम सुबह और शाम तेरे मिलने का इंतज़ार करते है.
हस्ती मिट जाती है आशियां बनाने में,
बहुत मुश्किल होती है आपनो को समजने में,
एक पल में किसी को भुला न देना,
ज़िन्दगी लग जाती है किसी को अपना बनाने में.
इस कदर हम उनकी मोहब्बत में खो गए,
की एक नज़र देखा और बस उन्हीं के हो गए,
आंख खुली तो अँधेरा था, देखा एक सपना था,
आँख बंद की और उन्हीं सपनो में फिर खो गए.
पलकों को कभी हमने भिगोए ही नहीं,
वो सोचते है हम कभी रोये ही नहीं,
वो पूछते है की ख्वाबो में किसे देखते हो,
और हम है की उनकी यादो में सोए ही नहीं..!
तन्हाइयों में मुस्कुराना इश्क़ है,
एक बात को सब से छुपाना इश्क़ है,
यूँ तो नींद नहीं आती हमें रात भर,
मगर सोते सोते जागना और जागते जागते सोना ही इश्क़ है.
उल्फत का अक्सर यही दस्तूर होता है.
जिसे चाहो वही हमसे दूर क्यों होता है.
दिल टूट कर क्यों बिखरता है इस कदर.
जैसे कांच का खिलौना चूर चूर होता है.
बहुत चाहा उसको जिसे हम पा न सके,
ख्यालों में किसी और को ला न सके.
उसको देख के आंसू तो पोंछ लिए,
लेकिन किसी और को देख के मुस्कुरा न सके.
हम सब दोस्तों में से कौन कहा होगा,
फिर अगर मिलना होगा तो मिलेंगे ख्वाबों मे,
जैसे सूखे गुलाब मिलते है किताबों मैं.
खुश नसीब होते हैं बादल,
जो दूर रहकर भी ज़मीन पर बरसते हैं,
और एक बदनसीब हम हैं,
जो एक ही दुनिया में रहकर भी.. मिलने को तरसते हैं.
हमसे पूछो क्या होता है पल पल बिताना,
बहुत मुश्किल होता है दिल को समजना,
यार ज़िन्दगी तो बीत जायेगी,
बस मुश्किल होता है कुछ लोगो को भूल पाना.
यूँ पलके बिछा कर तेरा इंतज़ार करते है,
यह वो गुनाह है जो हम बार बार करते है,
जला कर हसरत की राह पर चिराग,
हम सुबह और शाम तेरे मिलने का इंतज़ार करते है.
हस्ती मिट जाती है आशियां बनाने में,
बहुत मुश्किल होती है आपनो को समजने में,
एक पल में किसी को भुला न देना,
ज़िन्दगी लग जाती है किसी को अपना बनाने में.
इस कदर हम उनकी मोहब्बत में खो गए,
की एक नज़र देखा और बस उन्हीं के हो गए,
आंख खुली तो अँधेरा था, देखा एक सपना था,
आँख बंद की और उन्हीं सपनो में फिर खो गए.
पलकों को कभी हमने भिगोए ही नहीं,
वो सोचते है हम कभी रोये ही नहीं,
वो पूछते है की ख्वाबो में किसे देखते हो,
और हम है की उनकी यादो में सोए ही नहीं..!
तन्हाइयों में मुस्कुराना इश्क़ है,
एक बात को सब से छुपाना इश्क़ है,
यूँ तो नींद नहीं आती हमें रात भर,
मगर सोते सोते जागना और जागते जागते सोना ही इश्क़ है.
उल्फत का अक्सर यही दस्तूर होता है.
जिसे चाहो वही हमसे दूर क्यों होता है.
दिल टूट कर क्यों बिखरता है इस कदर.
जैसे कांच का खिलौना चूर चूर होता है.
बहुत चाहा उसको जिसे हम पा न सके,
ख्यालों में किसी और को ला न सके.
उसको देख के आंसू तो पोंछ लिए,
लेकिन किसी और को देख के मुस्कुरा न सके.
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