Saturday, 17 December 2016

हिंदी यादों की शायरी

गुजारिश हमारी वह मान न सके, 
मज़बूरी हमारी वह जान न सके,
कहते हैं मरने के बाद भी याद रखेंगे, 
जीते जी जो हमें पहचान न सके.

न जाने सालो बाद कैसा समां होगा, 
हम सब दोस्तों में से कौन कहा होगा,
फिर अगर मिलना होगा तो मिलेंगे ख्वाबों मे, 
जैसे सूखे गुलाब मिलते है किताबों मैं.

आंसू है आँखों में पर बह नहीं सकते, 
दुनियावालो से डरते हैं इसलिए कुछ कह नहीं सकते,
पर ये तो आप भी समझते होंगे कि, 
हम आपके बिना रह नहीं सकते.

रातों को आंसू बहाते हैं, 
दिन में आहें भरते हैं,
क्या कहूँ ए सनम हम, 
तेरे बिना कैसे तनहा रहते हैं.

जो न होती मोहब्बत ये आंसू न होते, 
दिल भी न खोता आज तनहा न रोता,
दीवानो सी अपनी ये हालत न होती, 
अगर जहाँ में कम्बखत, 
काश ये मोहब्बत न होती

निकलते हैं जब तुम्हारे आंसू, 
दिल करता है सारी दुनिया जला दू,
फिर सोचता हु , होंगे तुम्हारे भी अपने कही, 
तुम्हे फिर से रुला न दू.

आज सोचा तो आँसू भर आये, 
मुदत हो गयी मुस्कुराये, 
हर कदम पर उधर मुड़ के देखा 
उनकी महफ़िल से हम उठ तो आए,

दिल की नाजुक रगें टूटती हैं 
याद इतना भी कोई न आये,
रह गयी ज़िन्दगी दर्द बन के 
दर्द दिल में छुपाए छुपाये.

निकल आते हैं आंसू रोने से पहले, 
टूट जाते हैं सारे सपने सोने से पहले,
कहते हैं कि प्यार इक सजा है, 
काश कोई रोकलाता होने से पहले.

कम नहीं हैं आँसू.. 
मेरी आँखों में मगर,
रोता नहीं कि उनमें.. 
उसकी तस्वीर दिखती है.


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