Sunday, 11 December 2016

हिंदी शायरी Shayari in Hindi

कुछ सितारों की चमक नहीं जाती, कुछ यादों की खनक नहीं जाती, कुछ लोगों से होता है ऐसा रिश्ता, के दुर रह के भी उनकी महक नहीं जाती.

मैं उसके चेहरे को दिल से उतार लेता हूँ, 
मैं कभी कभी तो खुद को भी मार लेता हूँ.

गर हो जाए इश्क... तो हमसे साझा कर लेना। 
कुछ हम रख लेंगे कुछ तुम रख लेना।

बदन में आग सी है चेहरा गुलाब जैसा है, 
कि ज़हर-ए-ग़म का नशा भी शराब जैसा है, 
इसे कभी कोई देखे कोई पढ़े तो सही, 
दिल आइना है तो चेहरा किताब जैसा है।

तपिश और बढ़ गयी इन् चाँद बूंदो के बाद, 
काले स्याह बादल ने भी यूँ ही बहलाय मुझे.

अदा से देख लो जाता रहे गिला दिल का,
 बस इक निगाह पे ठहरा है फैसला दिल का.

लगता है मैं भूल चूका हु मुस्कराने का हुनर, 
कोशिश जब भी करता हु, आशु आ ही जाते हैं !

हर रात रो रो के उसे भुलाने लगे, 
आंशुओ में उस के प्यार को बहाने लगे, 
ये दिल भी कितना अजीब है कि, 
रोये हम तो वो और भी याद आने लगे !

कौन कहता है की आशुओं में वजन है होता, 
एक भी छलक जाता है तो मन हल्का हो जाता है!

किसी को बताने से मेरे अश्क रुक न पाएंगे, 
मिट जायेगी ज़िन्दगी मगर ग़म धूल न पाएंगे!

जश्न-इ-शब् में मेरी जल न सका इश्क़ का दिया, 
वो अपनी अना में रहे और मैंने अपने ग़मो को जिया.

तेरा मेरा इश्क है 
ज़माने से कुछ जुदा 
एक तुम्हारी कहानी है लफ़्ज़ों से भरी, 
एक मेरा किस्सा है ख़ामोशी से भरा.

अनजान से राहों पर चलने का तजुर्बा नहीं था, 
इश्क़ की राह ने मुझे एक हुनरमंद राही बना दिया.

दुश्मनों को सज़ा देने की एक तहजीब है मेरी, 
मैं हाथ नहीं उठाता नजरों से गिरा देता हूँ.

हमारी हैसियत का अंदाज़ा, 
तुम यह जान के लगा लो, 
हम कभी उनके नहीं होते, 
जो हर किसी के हो गए.

ठोकर ना लगा मुझे पत्थर नही हु मैं,
 हैरत से ना देख मुझे मंज़र नहीं हूं मैं,
तेरी नज़रों में मेरी कदर कुछ भी नहीं,


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