तुझमे बात हे कुछ ऐसे है दिल न दिया
तुम्हे तो जान चली जायेगी.
तुम ज़रा सा कम खूबसूरत होती
तो भी बहुत खूबसूरत होती
जब आँखों आँखों मै बात होती हो तो
जुबान की क्या हिम्मत
कहना ही पड़ा उसको यह खत पढ़ कर हमारे
कम्बखत की हर बात मोहब्बत से भरी है.
हमने देखा था शोक-इ-नज़र की खातिर
ये न सोचा था कि तुम दिल मैं उतर जाओगे!!
अब तो शायद ही मुझसे मुहब्बत करे कोई
मेरी आँखों में तुम साफ़ नज़र आते हो
सुकून मिलता है जब उनसे बात होती है
हज़ार रातों में वो एक रात होती है
निगाह उठाकर जब देखते हैं वो मेरी तरफ
मेरे लिए वही पल पूरी कायनात होती है.
तुम जिस रास्ते से चाहो आ जाना,
मेरे चारो तरफ मोहब्बत है.
कुछ तो हिसाब करो हम से…
इतनी वफ़ाएं उधार कों देता है.??
उस वक़्त इंतज़ार का आलम न पूछिये,
जब कोई बार बार कहे, आ रहा हूँ में.!
मेरी मौत पर भी उनकी आँखों में आंसू नहीं,
उन्हें शक है मुझमें जान अभी बाकी है
तू इश्क़ की दूसरी निशानी दे दे मुझको,
आंसू तो रोज़ गिर के सुख जाते हैं.
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