Tuesday, 13 December 2016

हिंदी बेवफा शायरी

दर्द ही सही मेरे इश्क़ का इनाम तो आया, 
खाली ही सही हाथों में जाम तो आया,
मैं हूँ बेवफ़ा सबको बताया उसने, 
यूँ ही सही उसके लबों पे मेरा नाम तो आया!

आपकी याद न आये, तो हम बेवफा, 
आप बुलाओ और न आये, तो हम बेवफा,
हमे मरने के लिए ज़हर की ज़रूरत नहीं, 
एक बार नज़र फेर लो, न मर जाये तो हम बेवफा!

वफ़ा के नाम से वो अनजान थे, 
किसी की बेवफाई से शायद परेशान थे,
हमने वफ़ा देनी चाही तो पता चला,
 "हम खुद ही बेवफा" के नाम से बदनाम थे.

पल पल उसका साथ निभाते हम 
एक इशारे पे दुनिया छोड़ जाते हम
समुन्दर के बीच में पोहंच कर फरेब किया उसने 
वह कहता तो किनारे पह ही डूब जाते हम…

ख़ुशी की राह में गम मिले तो क्या करे, 
वफ़ा की राह में बेवफा मिले तो क्या करे,
कैसे बचाए ज़िन्दगी को दगावजो से, 
कोई दिल लगा के दे जाये दाग़ तो क्या करे...?

तेरी दोस्ती ने दिया सुकून इतना, 
की तेरे बाद कोई भी अच्छा न लगे,
तुझे करनी हो बेवफाई तो इस अदा से करना, 
की तेरे बाद कोई भी बेवफ़ा न लगे.....

सर्दियों की एक सर्द रात में, 
वो मेरे हाथ थाम के बोले,
इतने गर्म हाथ वफ्फा की निशानी होती है, 
अब ख्याल आया कि उनके हाथ ठन्डे क्यों थे

ऐ बेवफा, जब से तूने कहा, 
की हमारे बीच बस दोस्ती है...
उस दिन साँस जाती रही, अलफ़ाज़ थम से गए, 
तू तो दिल तोड़के आराम से सोती रही,

सिर्फ एक ही बात सीखी, 
इन हुस्नवालू से हम ने,
हसीन जिस कि जितनी अदा है, 
वह उतना ही बेवफा है..

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